लार्ज कैप (Large Cap), मिड कैप (Mid Cap) और स्मॉल कैप (Small Cap) क्या है?
स्टॉक मार्केट में लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनी के बारे में सुनते रहते हैं. कभी कहा जाता है कि मिड कैप (Mid Cap) कंपनीयो में इन्वेस्टमेंट करना अच्छा होता है, तो कभी हम सुनते है की लार्ज कैप (Large Cap) कंपनीया ही बेस्ट होती हैं. पर अक्सर ये हमें यह नहीं बताया जाता है कि आखिर ये लार्जकैप स्मॉलकैप और मिडकैप कंपनियां होती कौन सी है?
आज हम जानेंगे जानेगे हम जानेगे के लार्जकैप, स्मॉलकैप और मिडकैप कंपनी क्या होती है? और इनमे इन्टवेस्ट करने में कितना रिस्क और कितना रिटर्न मिलता है?
मार्केट कैप (Market Cap) क्या होता है?
लार्जकैप, स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक को जानने से पहले हमें मार्केट कैप (Market Cap) को समझना होगा, एक कंपनी के मार्केट कैप का मतलब होता है उसका उस कंपनी की टोटल मार्केट वैल्यू (Total Market Value). अगर किसी कंपनी का मार्किट कैप 100 करोड़ रूपया है, तो इसका मतलब है कि इस पूरी कंपनी को खरीदने (Buy) के करने के लिए हमें 100 करोड़ रूपया देने होंगे.
मार्केट कैप को कंप्लीट करने के लिए हम किसी कंपनी के 1 शेयर की प्राइस को कंपनी के टोटल से से मल्टिप्लाई करते हैं . Example के लिए मान लेते हैं, ABC कंपनी की शेयर प्राइस 100 रुपये और ABC कंपनी की टोटल 100000000 शेयर (Shares) है, तो दोस्तों यहाँ पर ABC कंपनी का मार्किट कैप हो जायेगा 100RS = 100000000 करोड़ यानि 1000 हजार करोड़ रुपये.
तो उम्मीद है अब आपको मार्केट कैप के बारे में पता चल गया होगा.
लार्जकैप, स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स क्या होता है?
अब हम लार्जकैप, स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स को समझते हैं, इंडियन स्टॉक मार्केट रेगुलेटर (Regulator) सेबी (SEBI) ने 6 अक्टूबर 2017 को सर्कुलर में लार्जकैप मिडकैप और स्मॉलकैप स्टाफ को डिजाइन किया था, और सेबी ने सारी कंपनियों को मार्केट कैप के बेसीस पर डिवाइड कर दिया , और यह डिजाइन किया कि टॉप 1 से लेकर 100 मार्केट कैप वाली कंपनियों को लार्ज कैप कंपनियां कहा जाएगा 101 से लेकर 250 नंबर तक की मार्केट कैप वाली कंपनियों को मिडकैप कंपनियां कहा जाएगा और 251 और उसे नीचे की सारी कंपनियों को स्मॉलकैप कंपनियां कहा जाएगा.
लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियां एक्चुअली में मार्केट के हिसाब से डिवाइडेड कंपनियां है, सब से बड़ी 100 मार्किट कैप कंपनीयो को लार्ज कैप उस से छोटी 150 कंपनियों को मिड कैप और लार्ज कैप और मिड कैप से छोटी सारी कंपनियों को स्मॉलकैप कहा जाता है.
अगर आप इन तीनो तरह की कंपनी की पूरी लिस्ट देखना चाहते हैं तो आप देख सकते हैं तो आप इन पर बेस्ट इंडेक्स देख सकते है, जैसे की लार्ज कैप स्टॉक की पूरी लिस्ट जाने के लिए आप Nifty 100 Index देख सकते हैं, मिड कैप स्टॉक्स की पूरी लिस्ट आपको NiftyMidcap150Index से मिल जाएगी और स्मॉल कैप स्टॉक्स की पूरी लिस्ट आपको NiftySmallCap250Index में देख सकते हैं. इन सारे इंडेक्स को डिटेल में देखने के लिए आप निफ़्टी की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं.
लार्जकैप, स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स में रिस्क और रिटर्न कितना होता है?
हम इन तीनो तरह की कंपनियों को कंपेयर करते हैं रिस्क और रिटर्न की बात करें तो लार्जकैप कंपनियां में जनरली रिस्क और रिटर्न दोनों कम होता है, क्योंकि यह कंपनियां बहुत बड़ी और वेल एस्टेब्लिश (Well Establish) होती हैं. लार्ज कैप कंपनी को अक्षर ब्लू चिप कंपनियां या ब्लू चिप स्टॉक्स भी कहते हैं. लार्ज कैप कंपनी बहुत ज्यादा रिटर्न्स नहीं दे पाती हैं, क्योंकी ये कंपनी या बहुत बड़ी हो चुकी होती है और अब इनकी ग्रोथ की स्पीड पहेले से स्लो हो जाती है. मिड कैप कंपनी यो में रिस्क और रिटर्न दोनों High होते हैं.
मिड कैप कंपनी या साइज में लार्ज कैप कंपनी यो से छोटी होती हैं और इस वजह से इनकी ग्रो करने की पॉसिबिलिटी ज्यादा होती है और जिसके कारण इन कंपनी में अच्छी रिटर्न्स मिल सकते हैं. क्योंकि मीटर कंपनी छोटी होती हैं इसलिए बिजनेस प्रॉब्लम्स आने पर इन कंपनियों में ज्यादा बुरा इफेक्ट पड़ सकता है और इस वजह से मिड कैप कंपनियां लार्ज कैप कंपनीयो से ज्यादा रिस्की होती है स्मॉल कैप कंपनी की बात करें तो इनमें जनरली रिस्क और रिटर्न दोनों बहुत हाई होते हैं.
स्माल कैप कंपनीया बहुत ही छोटी होती हैं, और यह जनरली अपने बिजनेस के एकदम Early-stage में होती हैं हो सकता है कि स्मॉल कैप कंपनी अपने बिजनेस में सक्सेसफुल होकर एक बहुत अच्छी कंपनी बन जाए. ऐसे में दोस्तों बहुत बड़ा प्रॉफिट हो सकता है पर ऐसा भी हो सकता है कि एक स्माल कंपनी अपने किसी गलती की वजह से बहुत बड़ी प्रॉब्लम में आ जाए और उसका बिसनेस बहुत नुकसान में चला जाए. ऐसे में दोस्तों हमें अपने इन्वेस्टमेंट पर बहुत भारी लोस्स (Loss) हो सकता है.
साइज में बहुत ही छोटी होने की वजह से स्माल कैप इन कंपनियों में कुछ भी हो सकता है क्या कंपनियां कर सकती हैं लेकिन इतनी स्पीड से प्रॉब्लम्स में भी जा सकती हैं. स्मॉल कैप कंपनी में रिटर्न और रिस्क दोनों बहुत हाई होते हैं.
ऐसे में किसी भी कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने से पहले उस कंपनी का फंडामेंटल रिसर्च जरूर करना चाहिए और हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि इन्वेस्टमेंट करने का मतलब एक बिजनेस में पार्टनर बनना होता है. ऐसे में क्या हमें बिना रिसर्च के किसी भी बिजनेस में पार्टनर बन जाना चाहिए. और इस सवाल का जवाब आप अच्छी तरीके से जानते हैं?
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