म्यूचुअल फंड्स सही है, यह तो हमें हर जगह सुनने को मिलता है पर आखिर म्युचुअल फंड है क्या? यह हमें कोई नहीं बताता.
आज हम जानेंगे कि म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं? कितने तरह के होते हैं? ओर म्यूचुअल फंड्स से हमे क्या फाइदे है?
म्यूच्यूअल फंड क्या होते हैं?
म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) दो शब्दों से मिलकर बना है म्यूच्यूअल और फंड, म्यूच्यूअल का मतलब होता है. जो चीज कॉमन हो और फंड का मतलब तो आप जानते ही हैं. इस तरह म्यूच्यूअल फंड का मतलब हुआ कॉमन फंड. म्यूच्यूअल फंड कुछ और नहीं बल्कि एक ऐसा फंड है, जिसमें बहुत सारे लोगों के पैसे को कलेक्ट कर के रखा जाता है
इस कलेक्ट्रेट फंड को हम उस म्यूच्यूअल फंड का AUM या एसेट अंडर मैनेजमेंट (Asset Under Management) कहते हैं, और फिर कल की फंड को अच्छी से अच्छी जगह इन्वेस्ट किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिल सके.
दोस्तों, हर म्यूचुअल फंड को मैनेज करने के लिए प्रोफेशनल होते हैं. जिन्हें हम फंड मैनेजर (Fund Manager) कहते हैं म्यूचुअल फंड में कलेक्ट्रेट फंड को कहा इन्वेस्ट करना है, और कितना इन्वेस्ट करना है ये सारे डीसीजन फंड मैनेजर (Fund Manager) ही करते हैं.
म्यूच्यूअल फंड कितनी तरह के होते हैं? Types of Mutual Fund
म्यूच्यूअल फंड को हम दो आधार पर बांट सकते हैं.
एसेट के आधार पर, दोस्तों एसेट (Asset) के आधार पर म्यूचुअल फंड में तीन तरह के होते हैं.
1) इक्विटी म्युचुअल फंड (Euity Mututal Fund): यह वैसे म्युचुअल फंड्स होते हैं जो मैनयूली शेयर मारकेट मै इन्वेस्ट करते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपके पैसे अच्छे कंपनियों के शेयर में इन्वेस्ट हो तो आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
2) डेब्ट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund): इस तरके म्यूचुअल फंड मेजरी गवर्नमेंट बॉन्ड्स (Government bond) और ट्रेजरी बिल्स (Treasury Bills) में इन्वेस्ट करते हैं, यदि आप चाहते हैं कि आपके पैसे शेयर्स के बजाय अच्छे बॉन्ड से ट्रेजरी बिल्स में इन्वेस्ट तो आप डेट म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. और रिटर्न दोनों जनरल इक्विटी म्यूचुअल फंड से बहुत कम होता है
3) हाइब्रिड म्युचुअल फंड्स (Hybrid mutual funds), ऐसे म्यूचल फंड सोते हैं जो इक्विटी और डेब्ट दोनों में निवेश करते हैं अगर आप चाहते हैं कि आपके कुछ पैसे शेयर्स और कुछ बोंडस में हो तो आप हाइब्रिड म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं हाइब्रिड म्युचुअल फंड में risk-return दोनों जनरल इक्विटी म्यूचुअल फंड से कम पर डेब्ट म्यूचुअल फंड से ज्यादा होते हैं
यह थे एसेट के आधार पर तीन तरह के म्युचुअल फंड, तो इस सट्रकचर के आधार पर तीन तरह के म्युचुअल फंड्स होते हैं.
1) ओपन एंडेड म्युचुअल फंड (Open Ended Mutual Fund): यह वैसे मैचुअल फंड होते हैं जिसमें हम कभी भी इन्वेस्ट और सेल कर सकते हैं.
2) क्लोज एंडेड म्युचुअल फंड्स (Closed-end fund): इस तरह के मैचुअल फंड में हम बस म्यूचुअल फंड के स्टार्ट में ही इन्वेस्ट कर सकते हैं, उसके बाद जब तक म्यूच्यूअल फंड का टर्म एंड नहीं होता हम ना तो इस तरह की मीटिंग में और इन्वेस्ट कर सकते हैं और ना ही अपने म्यूच्यूअल फंड को सेल कर सकते हैं.
3) इंटरवल फंड (Interval Fund): इन तरह के इंटरवल फंड मैचुअल फंड में हम एक खास इंटरवल फंड पर ही कर सकते हैं और यह इंटरवल फंड मैचुअल फंड डिसाइड करते हैं इंटरवल फंड पूरा होने के बाद, हम ना तो इस में इन्वेस्ट कर सकते हैं और ना ही सेल.
दोस्तों यह थे स्ट्रक्चर के आधार पर तीन तरह के म्यूच्यूअल फंड आइए चलते हैं.
म्यूच्यूअल फंड से हमें क्या फायदे होते है?
हम म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर के बिना मेहनत की अच्छी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं, क्योंकि म्यूच्यूअल फंड से फंड मैनेजर हमारे पैसों को अच्छी से अच्छी कंपनियों में निवेश करने की कोशिश करते हैं. ताकि हमें अपने इन्वेस्टमेंट पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिल सके और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना खुद स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से बहुत कम Risky ही होता है.
क्योंकि कहीं फंड मैनेजर ज्यादा समझदार होते है ओर इस सथिति को हमसे बहुत ज्यादा अच्छी तरह से मैनेज करते हैं हम अपनी रिस्क ओर रिटर्न ध्यान में रखकर म्यूच्यूअल फंड्स पसंद कर सकते हैं, और अगर हम लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करें तो हम अपनी इन्वेस्टमेंट पर अच्छे रिटर्न्स भी कमा सकते हैं.